उसकी याद आई है साँसों जरा अहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है।
मुझे कुछ भी नहीं कहना इतनी सी गुजारिश है,
बस उतनी बार मिल जाओ जितना याद आते हो।
नहीं है कुछ भी मेरे दिल में सिवा उसके,
मैं उसे अगर भुला दूँ तो याद क्या रखूँ।
हर पल की ख़ुशी आपकी याद में है, हमारी हर हँसी आपके साथ में है,
दूर रहकर भी आपको याद करते हैं, जरूर कोई प्यारी सी अदा आप में है।
अगर आँसू बहा लेने से यादें बह जाती,
तो एक ही दिन में हम तेरी याद मिटा देते।
ढूढ़ोगे उजड़े रिश्तों में वफ़ा के खजाने,
तुम मेरे बाद मेरी मोहब्बत को याद करोगे।
हसरत नहीं, अरमान नहीं, आस नहीं है,
यादों के सिवा कुछ भी मेरे पास नहीं है।
हर एक पहलू तेरा मेरे दिल में आबाद हो जाये,
तुझे मैं इस क़दर देखूं मुझे तू याद हो जाये।
इतना न याद आओ कि खुद को तुम समझ बैठूं,
मुझे अहसास रहने दो मेरी अपनी भी हस्ती है।
आ गयी तेरी याद दर्द का लश्कर लेकर,
अब कहाँ जायें हम दिल-ए-मुजतर लेकर।
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे, दुनिया में हम सबसे खुशनसीब होंगे,
दूर से जब इतना याद करते हैं आपको, क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?
कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें,
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नहीं।
काश तू भी बन जाए तेरी यादों की तरह,
न वक़्त देखे न बहाना बस चली आये।
किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को,
कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।
दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा, यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा,
हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो, पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा?
कुछ कर अब मेरा भी इलाज ऐ हकीम-ए-मुहब्बत,
हर रात वो याद आता है और मुझसे सोया नहीं जाता।
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।
हर रात रो-रो के उसे भुलाने लगे, आँसुओं में उसके प्यार को बहाने लगे,
ये दिल भी कितना अजीब है कि, रोये हम तो वो और भी याद आने लगे।
नहीं फुर्सत यकीं मानो हमें कुछ और करने की,
तेरी यादें तेरी बातें बहुत मसरूफ़ रखती हैं।
अहसास मिटा,तलाश मिटी, मिट गई उम्मीदें भी,
सब मिट गया पर जो न मिट सका वो है यादें तेरी।
कितना भी खुश रहने की कोशिश कर लो,
जब कोई बेहद याद आता है तो सच में बहुत रुलाता है।
जरूरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखें,
तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नहीं।
तुझे याद करना न करना अब मेरे बस में कहाँ
दिल को आदत है हर धड़कन पे तेरा नाम लेने की।
मैं जहाँ हूँ अभी तेरी यादों में हूँ जो गुजर रही मेरे बिन उन रातों में हूँ
इधर उधर मुड़के न देखो हमें, नशा बन के अभी तेरी आँखों में हूँ।
सरहदें तोड़ के आ जाती है किसी पंछी की तरह,
ये तेरी याद है जो बंटती नहीं मुल्कों की तरह।
बहुत मुश्किल से करते हैं तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम ही सही मगर गुजारा हो ही जाता है।
मेरे जाने का तू अब कोई ग़म न करना, अपनी खूबसूरत आँखों को नम न करना,
मेरे अरमान तो मेरे दिल में ही जल गये, मेरी यादों को दिल से कम न करना।
कभी याद आती है कभी उनके ख्वाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं।
तुझे भुलाने की कोशिश तो बहुत की ऐ सनम,
तेरी यादें गुलाब की साख हैं जो रोज महकती हैं।
भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन,
काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं।
याद करेंगे तो दिन से रात हो जायेगी, आईने को देखिये हमसे बात हो जायेगी,
शिकवा न करिए हमसे मिलने का, आँखे बंद कीजिये मुलाकात हो जायेगी।
गुजर गई है मगर रोज याद आती है,
वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है।