माफ़ी मांगने के लिए कुछ शायरी आपके लिए लाये हैं | माफ़ी मांगने के लिए यह शायरी आपके बहुत काम आयेंगी , आप अपने दोस्त और प्यार को यह शायरी भेज कर माफ़ी मांग सकते है | इस तरह से जो भी आपका अपना रूठा होगा वो बहुत देर तक रूठा नहीं रह पायेगा | एक बार आप इस बात को आजमा कर जरुर देखिएगा आपके अपने जायदा देर तक रूठे नहीं रह पायेग।
अब तुम्हारे सॉरी का इंतज़ार नहीं होता,
सोचता हूँ मैं ही कह दूँ तुम्हें ” थैंक यू “।
सॉरी बोल दियें वहाँ भी जहां हम गलत न थे क्योंकि,
मुझे रिश्ते निभाने की ललक थी और उसे मुझे गलत साबित करने की।
दिल से तेरी.याद को जुदा तो.नहीं किया,
रखा जो तुझे.याद कुछ.बुरा तो नहीं किया,
तुम हँसते हो मुझे हँसाने के लिए,तुम रोते हो तो मुझे रुलाने के लिए,
तुम एक बार रूठ कर तो देखो, मर जायेंगे तुम्हें मनाने के लिए।
अपने अतीत को एक चिट्ठी लिखना चाहता हूँ,
की गयी गलतियों की माफी लिखना चाहता हूँ।
इस तरह रूठ गयी है बो मुझसे की
जैसे मेरे से, बुरा इस जमाने मे कोई नही है
शब्दों का जाल कुछ गलत बुन लिया, पर मेरे दिल में वैसी बात ना थी
शर्मिंदा हूँ खुद अपने अल्फाजों के लिए, क्यूंकि खुद से ऐसी उम्मीद ना थी
हिम्मत नहीं है मेरी की मैं बात करूं,
सच में करना चाहता हु पर माफ़ करना मजबूर हूँ।
दिल उदास हैं तेरे चले जाने से, हो सके तो मुसाफ़िर तू लौट आ
तेरे क़दमों में सर झुकाये खड़े हैं हम, तू बस एक बार सजा तो सुना जा
न तेरी शान कम होती न रुतबा ही घटा होता,
जो गुस्से में कहा तुमने वही हँस के कहा होता।
आज मैंने खुद से एक वादा किया है, माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ, अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है।
जिंदगी की राह को हमेशा रखो साफ़,
किसी से माफी मांग लो, तो किसी को कर दो माफ़।
दिन चढ़ा, दिन ढला, पर मेरा दिल उदास ही था
मुझसे कोई बहुत नाराज हैं, इसलिए आज हर पंछी उदास था
माफ कर दो मैं जब तक जिंदा रहूंगा,
उन बातों के लिए , मैं शर्मिंदा रहूंगा।
उसकी खुशियों के लिए लड़ें थे दुनियाँ से, आज वो ही हमसे खफ़ा बैठे हैं
क्या गुनाह हो गया हैं हमसे, हम सर झुकायें सजा पाने बैठे हैं
यू न रहो तुम हमसे ख़फ़ा,माफ़ कर दो हमको ज़रा,
गलती किये है मानते है हम, उस गलती की न दो ऐसी सज़ा।
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी, तुम्हारे बिना चिरागों में रौशनी न रहेगी,
क्या कहें क्या गुजरेगी दिल पर ऐ दोस्त, जिंदा तो रहेंगे लेकिन ज़िंदगी न रहेगी।
वह चाहत हमें पाने की कुछ इस कदर रखते थे,
गलती मेरी होती और माफ़ी वह मांगते हैं।