” Attitude का अर्थ है ‘आत्म सम्मान’ “
जब आप अपनी इज़्ज़त करोगे तभी लोग आप की इज़्ज़त करेंगे इसलिए हमेसा अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए।
हर किसी के जीने का तरीका अलग अलग होता है लेकिन ऐटिटूड मै रहोगे तो लोग आप की इज़्ज़त करेंगे और अपनी औकात को भी धयान मै रखेंगे, वरना आज के समय मई लोग जीने नहीं देंगे।
तो फिर हम आपके लिए कुछ ऐटिटूड शायरी लेकर आये है जो लोगो के दिमाग और दिल को हिला देंगे।
एक बुरी आदत है आज भी हमारे अंदर,
हम किसी को माफ करके भी माफ नही करते।
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते है
चर्चे अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं
मुझे समझना इतना आसान नहीं हैं,
मैं संस्कृत का अर्थात हूं गणित का सूत्र नहीं।
हम जरा खामोश क्या हुए
नादान कुत्ते भी आज शोर मचाने लगे
हमारी अफवाह के धुए वही से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है!
बोलने की आदत नहीं करके काबिलियत का सबूत दूँगा,
ख़िलाफ़ बोलते हैं जो आज मेरे कल मैं उनकी कह के लूँगा.
खून में उबाल आज भी खानदानी है.
दुनिया हमारे शौक की नहीं Attitude की दीवानी है.
बादशाह नही टाइगर हूँ
मैं इसलिए लोग इज्ज़त से नही मेरी इजाज़त से मिलते है।
जुबान कड़वी ही सही पर साफ़ रखता हूँ,
कौन, कहाँ, कब बदल गया सबका हिसाब रखता हूँ !
जिनमे अकेले चलने का हौसला होता है,
उनके पीछे एक दिन काफिला चलता है !
चाहे दुश्मन हो कितना भी पापी ,
उसके लिए हम अकेले ही काफी !
हमसे उलझना कुछ ऐसा है,
जैसे बारूद के ढेर पर बैठकर चिंगारी से खेलना !
वो Attitude ही क्या,
जो वक्त के साथ टूट कर बिखर जाये,
अगर कोई किसी से दिल लगाये,
तो ऐसे लगाये जैसे तेज़ आंधी
सूखे पत्तो को न उड़ा पाए।
मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु,
उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो।
मेरी शराफत को तुम बुझदिली का नाम मत दो,
क्यूंकि दबे ने जब तक घोड़ा तब तक बन्दूक भी खिलौना ही होता है।
हम तो ठहरे समुंदर, हमें खामोश ही रहने दो
जो हमारी लहर उठ गई तो, पूरे शहर को डुबो देंगे।
मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में,
वरना पूरी जिंदिगी गुज़र जाएगी रोने में.
किसी के गुलाम होने कि आदत नहीं हमारी
हम तो खुद अपनी रियासत बनाते हैं |
उस दिन भी कहा था और आज फिर सुन ले,
सिर्फ उमर ही छोटी है लेकिन सलाम सारी दुनिया ठोकती है!!
जो हमें समझ ही ना सका उसे पूरा हक है, हमें अच्छा या बुरा कहने का…
क्योकि जो हमें जान लेता है, वो हम पर जान देता है।
धन भी रखते है, गन भी रखते है, और सुन बेटा,
थोड़ा हटके रहना, वरना ठोकने का ज़िगर भी रखते हैं.
रेस वो लोग करते है, जीसे अपनी किस्मत आजमानी हो,
हम तो वो खिलाडी है, जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है।
मैं आदत नही शौक रखता हूं,
अच्छे-अच्छों को ब्लॉक रखता हूं।