थक गए हैं रूठे रिश्तो को मनाते मनाते,
इससे बेहतर तो तू ही मुझसे रूठ जा ज़िन्दगी !
ऐ ज़िंदगी! तू बस मुझे एक बात बता,
एक दिन मरने के लिए रोज़ मरना जरूरी है क्या ?
जी ले उस पल को जो,पल तेरे साथ हैं,
ये जिंदगी है जनाब इसका, कोई भरोसा नहीं !
हमने कोशिश की वक़्त को बदलने की
पर क्या पता था ये मेरी ज़िन्दगी ही बदल डालेगा
कोई अपना नहीं होता सब खुद, मे ही व्यस्त रहते हैं,
बिना किताब के जो सब कुछ सिखा दे, उसे ही जिंदगी कहते हैं!
ज़िन्दगी तब खूबसूरत होती है
जब उसे खूबसूरत बनाने वाला साथ हो
भूलने वाली बातें याद हैं !
इसलिए ज़िन्दगी में विवाद है !
गुज़र जायेगा ये दौर भी ज़रा सब्र तो रख !
जब खुशियाँ ही न रुकी तो ग़म की क्या औकात है !
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता !
लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है !
ऐ दिल तू क्यों रोता है,
ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है
ज़िन्दगी का यही एक कड़वा उसूल है
देने से ज्यादा ज़िन्दगी छीन लेती है
रूठूँगा तुझसे तो इस क़दर रूठूँगा
तेरी आँखे तरस जाएगी मेरी एक झलक को !
एक दिन वक्त भी साथ बैठकर रोया मेरे
कहने लगा तू तो ठीक है बस मैं ही खराब हूं
आज तन्हा हुए तो अहसास हुआ !
कई घण्टे होते है एक दिन में !
ज़िन्दगी ने हमें बहुत कुछ सिखाया है
जीना है तो लोगों पर भरोसा कम करो
ज़िन्दगी ने इस मुक़ाम पर ला खड़ा किया है
ना अब दर्द हैं और ना ही अब भरोसा है
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो !
तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें !
दिल जीतने का हुनर नहीं आता हमे
वो बात अलग है के यहाँ दिल किसके पास है
वो हाल मेरा पूछने आये जरूर थे मगर
अपनी निगाहों में वही पुराना गुरूर लिए हुए