Sat. Nov 23rd, 2024

माँ ही मंदिर माँ ही पूजा, माँ से बड़ा ना कोई दूजा

माँ के लिए क्या कहे कोय शब्द ही नहीं है , वो क्या नहीं करती है अपने परिवार के लिए अपने बच्चों के लिए , अपने लिए जीना छोड़ कर वो अपना पूरा जीवन अपने परिवार को समर्पित कर देती है। माँ जो हमारे लिए करती है उसके हिसाब से तो हम कुछ भी नहीं कर पाते लेकिन हमे अपनी माँ को सेवा और पूजा करनी चाहिए , माँ के पास ही आपको सबसे जायदा सुकून मिलेगा. आपके बिना कुछ कहे ही वो आपकी तकलीफ समझ लेती है। माँ के लिए ऐसे कोय शब्द नहीं है जिससे हम माँ की वाय कर सके। .. माँ तो माँ ही होती है उसके पास आपको हमेसा जन्नत मिलेगी.

सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये।

माँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।

यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,
जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।

जब जब कागज पर लिखा, मैने “माँ” का नाम,
कलम अदब से बोल उठी, हो गये चारो धाम।

अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआएं भी साथ चलती है।

सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।

वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।

माँ पहले आँसू आते थे तो तुम याद आती थी,
आज तुम याद आती हो और आँसू निकल आते है।

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

पैसो से सब कुछ मिलता है पर,
माँ जैसा प्यार कही नही मिलता।

जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं,
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है।

कहीं भी चला जाऊं दिल बेचैन रहता है,
जब घर जाता हूं तो माँ के आंचल में ही सुकून मिलता है।

दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।

मां तो वो है जो अगर खुश होकर सर पर हाथ रख दे,
तो दुश्मन तो क्या काल भी घबरा जाए।

ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब,
कही मेरी माँ की दुआ तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये।

माँ खुद भूखी होती है, मुझे खिलाती है,
खुद दुःखी होती है, मुझे चेन की नींद सुलाती है।

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें है कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश देखा,
लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।

मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।

सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।

मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,
जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई।

जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते है,
और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते है।

बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।

By Poonam

Read Shayari in Hindi, Basant Panchami Shayari, Happy Krishna Janmashtami Shayari, Happy New Year Shayari, Best Motivational Shayari of 2021, Happy Birthday Wishes for Whatsapp, Navratri Wishes and more Shayari read , Bank Naukri, Gadgets News on Hindi Vichar Dhara .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • More Networks
Copy link
Powered by Social Snap