हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कन्हैया के जन्मदिन आता है, इस बार यह पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा । इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए लोग इस दिन बेहद खास तरह से मानते है।
इस दिन लोग सुबह जल्दी उठ कर , स्नाना करके, पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते है। रात 12 बजे जब भगवान कृष्ण का जन्म हो जाता है, उसके बाद ही लोग अन्न ग्रहण करते हैं।
लोग इस दिन अपने दोस्तों, रिश्तेदारों ,परिवारवालों,आदि को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हैं।
माखन चोर नन्द किशोर, बांधी जिसने प्रीत की डोर
हरे कृष्ण हरे मुरारी, पूजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुण गाएं, सब मिल के जन्माष्टमी मनाएं
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया.
गोकुल में जो करे निवास,
गोपियों संग जो रचाए रास।
देवकी, यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे हैं हमारे कृष्ण कन्हैया।
देखो फिर कृष्ण जन्माष्टमी आई है,
माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई है,
कान्हा की लीला है सबसे प्यारी,
वो दें तुम्हें दुनिया भर की खुशियां सारी.
कण कण में है उनका वास,
गोपियों संग जो रचाएं रास,
देवकी यशोदा हैं जिनकी मइया,
वो हैं हमारे कृष्ण कन्हैया.
राधा की चाहत है कृष्णा, उसके दिल की विरासत है कृष्णा,
चाहें कितना भी रास रचा ले कृष्णा, दुनिया तो फिर भी कहती है,
राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा।
कण-कण में वो करे निवास
गोपियों संग जो रचाए रास,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया
ऐसे हमारे किशन कन्हैया,
रूप बड़ा प्यारा है, चेहरा बड़ा निराला है
बड़ी से बड़ी मुसीबत को अपने कान्हा ने
पल भर में हल कर डाला है
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया।
खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया
ब्रज के दुलारे, यशोदा मैया की आंखों के तारे,
राधा और गोपियां उन्हें सखा कहकर पुकारें
ऐसे मनमोहक हैं श्रीकृष्ण हमारे !
रूप बड़ा प्यारा है, चेहरा बड़ा निराला है
बड़ी से बड़ी मुसीबत को अपने कान्हा ने
पल भर में हल कर डाला है
नटखट कान्हा आये द्वार,
लेकर अपनी बांसुरी साथ,
मोर मुकुट सर पर सोहे,
और आँखों में काजल की धार,
मुबारक हो आप सबको,
जन्माष्टमी का शुभ त्यौहार
तीज गई, सावन गया
गया राखी का त्योहार,
कान्हा तेरे स्वागत में
खड़ा है सारा संसार,
जन्माष्टमी की ढेरों शुभकामनाएं
पलकें झुकेंऔर नमन हो जाए,
मस्तक झुके और वंदन हो जाए।
ऐसी नजर कहां से लाऊं, मेरे कन्हैया
आपको याद करूं और आपके दर्शन हो जाए
जन्माष्टमी के इस अवसर पर,
हम ये कामना करते हैं
कि श्रीकृष्ण की कृपा आप पर
और आपके पूरे परिवार पर
हमेशा बनी रहे!
मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है,
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है।
पतवार के बिना हे, मेरी नाव चल रही है,
बस होता रहे हमेशा, जो कुछ भी हो रहा है।
मुरली मनोहर, ब्रिज की धरोहर
वो नंदलाला गोपाला है,
बंसी की धुन पर सब दुख हरने वाला है
मुरली मनोहर आने वाला है…
राधा की भक्ति, मुरली की मिठास,
माखन का स्वाद और गोपियों का रास,
आओ सब मिलके बनाते हैं जन्माष्टमी का दिन ख़ास।