दोस्तों हमारे देश सारे ही त्यौहार खूब हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है उसमे से ही एक दिवाली का त्यौहार है और यह त्यौहार हर साल कार्तिक माह मनाया जाता है।
दिवाली का त्यौहार हम भगबान श्री राम जी के 14 साल के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मानते है और उनके आने की खुशी में घी के दिये जलाकर इस दिन को उत्सव के रूप में मानते है।
“यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।”
हम आपके साथ कुछ शायरी शेयर कर रहे है –
रोशन हो दीपक और सारा जग जगमगाये
लिए साथ सीता मैय्या को राम जी हैं आये
हर शहर यु लगे मनो अयोध्या हो
आओ हर द्वार हर गली हर मोड़ पे हम दीप जलाये
दीपावली की शुभ बेला में
अपने मन का अन्धकार मिटायें
मिठाइयां खाएं, पटाखे चलाएं
और दीपों के इस त्यौहार को मनाएं
दीये से दीये को जला कर दीप माला बनाओ ,
अपने घर आंगन को रौशनी से जगमगाओ,
आप और आप के परिवार की दिवाली शुभ हो
इस दिवाली अपनों के साथ दिल से मनाओ .
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार
सोने चाँदी से भर जाए आपका घर बार
जीवन में आयें ख़ुशियाँ अपार
शुभकामना हमारी करें स्वीकार.
लक्ष्मी जी के आँगन में है
सबने दीपों की माला सजाई
दिवाली के इस पावन अवसर पर
आपको कोटी कोटी बधाई !
दीप जलते रहे जगमगाते रहे,
हम आपको-आप हमें याद आते रहे,
जब तक ज़िन्दगी है दुआ है हमारी,
आप फूलो की तरह मुस्कुराते रहे
दिनों दिन बढ़ता जाये आपका कारोबार
परिवार में बना रहे स्नेह और प्यार
होती रहे सदा अपार धन की बौछार
ऐसा हो आपका दिवाली का त्योंहार
तमाम जहाँ जगमगाया ,
फिर से त्यौहार रौशनी का आया ,
कोई तुम्हे हमसे पहले बधाइयाँ न दे दे ,
इसीलिए ,यह पैगाम-ए-मुबारक सबसे पहले हमने है भिजवाया।
दुनिया भर कि याद मैं हमें न भुला देना ,
आये जब याद हमारी थोडा सा मुस्करा देना.!
ज़रूर मिलेगें हम अगर ज़िंदा रहें ,
याद मैं हमारी दीवाली का एक “दिया” जला देना.!
दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आँगन हो
पटाखों की गूंजों से आसमान रोशन हो
ऐसी आये झूम के यह दिवाली आपकी
इस दुनिया में हर तरफ खुशियों ही खुशियों हो
दीपावली आए तो रंगी रंगोली, दीप जलाए,
धूम धड़ाका, छोड़ा पटाखा,
जली फुलझडि़यां सबको भाए..
आप सबको दीपावली की शुभकामनाएं!
पूजा की थाली, रसोई में पकवान
आंगन में दीया, खुशियां हो तमाम
हाथों में फुलझडि़यां, रोशन हो जहां
मुबारक हो आपको दिवाली मेरे यार!
मुस्कुराते हँसते दीप तुम जलाना
जीवन में नई खुशियों को लाना
दुःख दर्द अपने भूलकर
सबको गले लगाना, सबको गले लगाना